शुक्रवार, 20 सितंबर 2024

फवाद खान और माहिरा खान की फिल्म 'The Legend of Maula Jatt' भारत में रिलीज

 

फवाद खान और माहिरा खान की फिल्म 'द लीजेंड ऑफ मौला जट्ट' भारत में रिलीज


फवाद खान और माहिरा खान की फिल्म 'The Legend of Maula Jatt' भारत में रिलीज


फवाद खान और माहिरा खान की फिल्म 'द लीजेंड ऑफ मौला जट्ट' जल्द ही भारतीय सिनेमा प्रेमियों के लिए एक बड़ा तोहफा लेकर आ रही है। यह फिल्म 2 अक्टूबर 2024 को भारत में रिलीज होने जा रही है, जिससे भारतीय दर्शक पहली बार किसी पाकिस्तानी फिल्म को बड़े पर्दे पर देख सकेंगे।

1. फिल्म की कहानी

'द लीजेंड ऑफ मौला जट्ट' एक दमदार एक्शन-थ्रिलर है जिसमें फवाद खान और माहिरा खान मुख्य भूमिकाओं में हैं। इस फिल्म की कहानी मौला जट्ट (फवाद खान) और नूरी नट (हमजा अली अब्बासी) के बीच की दुश्मनी पर आधारित है। नूरी नट एक क्रूर गिरोह का नेता है, जबकि मौला जट्ट एक स्थानीय नायक के रूप में उभरता है।

2. भारत में पाकिस्तानी फिल्मों की वापसी

2016 में उरी आतंकवादी हमले के बाद, भारतीय सिनेमा में पाकिस्तानी कलाकारों पर प्रतिबंध लग गया था। हालांकि, नवंबर 2023 में, भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने इस प्रतिबंध को हटा दिया और पाकिस्तानी कलाकारों को फिर से भारतीय सिनेमा में काम करने की अनुमति दी। यह कदम दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के रूप में देखा जा रहा है।

3. फिल्म का भारतीय रिलीज पोस्टर

फिल्म के निर्माताओं ने 2024 की भारतीय रिलीज़ की तारीख की घोषणा करते हुए एक पोस्टर साझा किया। इस पोस्टर में लिखा गया है, “दो साल बाद भी, 'द लीजेंड ऑफ मौला जट्ट' को रोकना नामुमकिन है। इस महाकाव्य गाथा को भारत में 2 अक्टूबर 2024 से बड़े पर्दे पर देखें।”

4. माहिरा खान और फवाद खान की प्रतिक्रिया

माहिरा खान ने फिल्म के पोस्टर को अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी पर साझा करते हुए लिखा, “चलो, चलते हैं।” वहीं फवाद खान ने पोस्टर को बिना किसी कैप्शन के फिर से पोस्ट किया।

5. फवाद खान की माफी

फवाद खान ने भारतीय दर्शकों से अपनी अनुपस्थिति के लिए माफी मांगी है। उन्होंने कहा, “मैं हमेशा से अपने प्रशंसकों का आभारी रहा हूं जिन्होंने मेरा इंतजार किया और मैं उन्हें इंतजार कराने के लिए माफी मांगता हूं। लेकिन यह मेरे हाथ में नहीं था। मैं मानता हूं कि हर चीज का एक सही समय होता है।"


फवाद खान और माहिरा खान की फिल्म 'The Legend of Maula Jatt' भारत में रिलीज


6. फिल्म के निर्देशक की प्रतिक्रिया

फिल्म के निर्देशक बिलाल लशारी ने भी अपने इंस्टाग्राम पर इस खबर को साझा किया। उन्होंने लिखा, "भारत, पंजाब में 2 अक्टूबर को रिलीज हो रही है! पाकिस्तान में अब भी वीकेंड्स पर हाउसफुल चल रही है। अब, मुझे अपने भारतीय पंजाबी दर्शकों के लिए इसे दिखाने का इंतजार है।”

7. फिल्म का महत्व

'द लीजेंड ऑफ मौला जट्ट' पाकिस्तानी सिनेमा के इतिहास की सबसे महंगी और सबसे बड़ी फिल्मों में से एक है। इस फिल्म ने पाकिस्तान में बॉक्स ऑफिस पर धमाकेदार कमाई की है और इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी खूब सराहा गया है।

8. फिल्म की कास्ट और अभिनय

फवाद खान और माहिरा खान की जोड़ी को पहले भी दर्शकों ने पसंद किया है, खासकर उनके प्रसिद्ध ड्रामा 'हमसफ़र' के बाद। इसके अलावा, फिल्म में हमजा अली अब्बासी, हुमैमा मलिक, और सायमा बलोच ने भी महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाई हैं। हर एक कलाकार ने अपने किरदारों में जान डाल दी है, खासकर हमजा अली अब्बासी का नूरी नट का किरदार बेहद चर्चित रहा है।

9. महाकाव्य गाथा का अनुभव

'द लीजेंड ऑफ मौला जट्ट' न केवल एक एक्शन फिल्म है, बल्कि यह एक महाकाव्य गाथा भी है। फिल्म की सिनेमैटोग्राफी, विजुअल इफेक्ट्स, और कास्ट का अभिनय इसे एक असाधारण अनुभव बनाता है। यह फिल्म पुराने लोककथाओं से प्रेरित है और इसे आधुनिक समय के दर्शकों के लिए प्रस्तुत किया गया है।

10. फिल्म की सफलता

पाकिस्तान में रिलीज़ के दो साल बाद भी, 'द लीजेंड ऑफ मौला जट्ट' अभी भी वीकेंड्स पर हाउसफुल चल रही है। यह फिल्म पाकिस्तान के सिनेमा इतिहास की सबसे बड़ी फिल्मों में से एक बन गई है और इसके कई रिकॉर्ड भी तोड़े हैं।

11. फिल्म की अंतर्राष्ट्रीय सफलता

यह फिल्म न केवल पाकिस्तान में, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भी सफल रही है। यह फिल्म ब्रिटेन, कनाडा, और खाड़ी देशों में भी रिलीज़ हुई और वहां के दर्शकों से इसे जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली।

12. भारतीय दर्शकों की उम्मीदें

भारत में पाकिस्तानी फिल्मों की वापसी को लेकर दर्शकों में काफी उत्साह है। फवाद खान और माहिरा खान जैसे लोकप्रिय कलाकारों के होने से भारतीय दर्शकों में भी इस फिल्म को लेकर काफी उम्मीदें हैं। सोशल मीडिया पर भी इस फिल्म की रिलीज को लेकर खूब चर्चाएं हो रही हैं।

फवाद खान और माहिरा खान की फिल्म 'The Legend of Maula Jatt' भारत में रिलीज


13. फवाद खान और माहिरा खान की भारतीय सिनेमा में उपस्थिति

फवाद खान ने भारतीय सिनेमा में पहले भी काम किया है। उनकी फिल्में 'खूबसूरत', 'ए दिल है मुश्किल' और 'कपूर एंड सन्स' को भारतीय दर्शकों ने खूब सराहा है। वहीं माहिरा खान ने शाहरुख खान के साथ फिल्म 'रईस' में बॉलीवुड डेब्यू किया था।

14. फिल्म के प्रति दोनों देशों के दर्शकों की प्रतिक्रिया

इस फिल्म के जरिए भारतीय और पाकिस्तानी दर्शकों को एकसाथ आने का मौका मिलेगा। दोनों देशों के दर्शकों के बीच इस फिल्म को लेकर जो उत्साह है, वह यह दर्शाता है कि कला और सिनेमा सीमाओं से परे हैं।

15. उम्मीद और भविष्य

भारत में इस फिल्म की रिलीज को दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के एक बड़े कदम के रूप में देखा जा रहा है। भविष्य में, इस तरह की और भी फिल्मों के जरिए दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत किया जा सकता है।

निष्कर्ष

फवाद खान और माहिरा खान की 'द लीजेंड ऑफ मौला जट्ट' एक महाकाव्य गाथा है, जो भारतीय दर्शकों के लिए खास तोहफा है। यह फिल्म न केवल मनोरंजन का साधन है, बल्कि यह सांस्कृतिक पुल भी है जो दोनों देशों को करीब लाने का काम कर सकती है। इस फिल्म की रिलीज़ एक नया अध्याय खोल सकती है जिसमें भारत और पाकिस्तान के बीच सिनेमा के जरिए फिर से संवाद हो सकता है।


बुधवार, 18 सितंबर 2024

चंद्र ग्रहण 2024 टाइमिंग्स: शुरू हो चुका है साल का आखिरी चंद्र ग्रहण, क्या भारत में इसका सूतक काल मान्य होगा?

 

चंद्र ग्रहण 2024: जानिए प्रमुख जानकारी



चंद्र ग्रहण को लेकर लोगों में हमेशा उत्सुकता बनी रहती है, खासकर भारत में, जहां धार्मिक और खगोलीय महत्व की घटनाओं को गहराई से देखा जाता है। साल 2024 का आखिरी चंद्र ग्रहण शुरू हो चुका है, और लोगों के मन में कई सवाल हैं, जैसे कि इसकी सही टाइमिंग्स क्या हैं, सूतक काल कब से शुरू होगा और क्या इसे मान्य किया जाएगा।

 चंद्र ग्रहण का वैज्ञानिक और धार्मिक महत्व

चंद्र ग्रहण एक खगोलीय घटना है, जो तब होती है जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है और चंद्रमा पर पृथ्वी की छाया पड़ती है। जबकि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से यह एक सामान्य खगोलीय घटना है, धार्मिक रूप से इसका बड़ा महत्व है, विशेष रूप से हिंदू धर्म में।

 धार्मिक दृष्टिकोण से चंद्र ग्रहण का महत्व

भारत में, खासकर हिंदू धर्म में, चंद्र ग्रहण को अशुभ माना जाता है। यह समय पूजा-पाठ और अन्य धार्मिक कार्यों के लिए उपयुक्त नहीं माना जाता। इसी कारण सूतक काल की भी मान्यता है, जिसमें ग्रहण से पहले और बाद में कुछ गतिविधियों पर रोक लगाई जाती है।

 चंद्र ग्रहण 2024 की तारीख और टाइमिंग्स

2024 का आखिरी चंद्र ग्रहण काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इसके सटीक समय की जानकारी होना जरूरी है, ताकि आप अपने धार्मिक और व्यक्तिगत कार्यों की योजना बना सकें।


चंद्र ग्रहण 2024 टाइमिंग्स: शुरू हो चुका है साल का आखिरी चंद्र ग्रहण, क्या भारत में इसका सूतक काल मान्य होगा?  चंद्र ग्रहण 2024: जानिए प्रमुख जानकारी चंद्र ग्रहण को लेकर लोगों में हमेशा उत्सुकता बनी रहती है, खासकर भारत में, जहां धार्मिक और खगोलीय महत्व की घटनाओं को गहराई से देखा जाता है। साल 2024 का आखिरी चंद्र ग्रहण शुरू हो चुका है, और लोगों के मन में कई सवाल हैं, जैसे कि इसकी सही टाइमिंग्स क्या हैं, सूतक काल कब से शुरू होगा और क्या इसे मान्य किया जाएगा।  चंद्र ग्रहण का वैज्ञानिक और धार्मिक महत्व चंद्र ग्रहण एक खगोलीय घटना है, जो तब होती है जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है और चंद्रमा पर पृथ्वी की छाया पड़ती है। जबकि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से यह एक सामान्य खगोलीय घटना है, धार्मिक रूप से इसका बड़ा महत्व है, विशेष रूप से हिंदू धर्म में।  धार्मिक दृष्टिकोण से चंद्र ग्रहण का महत्व भारत में, खासकर हिंदू धर्म में, चंद्र ग्रहण को अशुभ माना जाता है। यह समय पूजा-पाठ और अन्य धार्मिक कार्यों के लिए उपयुक्त नहीं माना जाता। इसी कारण सूतक काल की भी मान्यता है, जिसमें ग्रहण से पहले और बाद में कुछ गतिविधियों पर रोक लगाई जाती है।  चंद्र ग्रहण 2024 की तारीख और टाइमिंग्स 2024 का आखिरी चंद्र ग्रहण काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इसके सटीक समय की जानकारी होना जरूरी है, ताकि आप अपने धार्मिक और व्यक्तिगत कार्यों की योजना बना सकें।  चंद्र ग्रहण 2024 की तारीख साल 2024 का आखिरी चंद्र ग्रहण 18 अक्टूबर 2024 को पड़ रहा है। यह भारत समेत दुनिया के कई हिस्सों में देखा जा सकेगा। यह ग्रहण पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा, जो रात के समय होगा। चंद्र ग्रहण 2024 की सटीक टाइमिंग्स भारतीय समयानुसार रात 7:30 बजे से चंद्र ग्रहण शुरू होगा और रात 11:45 बजे तक चलेगा। उस समय, चंद्रमा का रंग धीरे-धीरे तांबे जैसा हो जाएगा, या "ब्लड मून"। सूतक काल: क्या यह मान्य होगा? चंद्र ग्रहण के समय सूतक काल का मान्य होना एक विवादास्पद मुद्दा है। कुछ धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सूतक काल को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है, जबकि अन्य इसे लेकर उदासीन होते हैं।  सूतक काल की अवधि सूतक काल ग्रहण से 9 घंटे पहले शुरू होता है, इसलिए इस बार सूतक काल 18 अक्टूबर की सुबह 10:30 बजे से शुरू हो जाएगा। सूतक काल के दौरान पूजा, भोजन, और अन्य शुभ कार्यों से बचने की सलाह दी जाती है। सूतक काल का धार्मिक महत्व सूतक काल को अशुद्ध समय माना जाता है। इस दौरान भगवान की मूर्तियों को छूना, मंदिर जाना, या कोई भी धार्मिक क्रिया करना वर्जित माना जाता है। माना जाता है कि इस समय नकारात्मक ऊर्जा सक्रिय होती है, जिससे बचने के लिए सूतक काल के नियमों का पालन करना आवश्यक होता है। क्या भारत में चंद्र ग्रहण 2024 का सूतक काल मान्य होगा? भारत में सूतक काल को लेकर विभिन्न मत हैं। कुछ धार्मिक संगठनों का मानना है कि सूतक काल का पालन करना आवश्यक है, जबकि कुछ लोग इसे आधुनिक समय में प्रासंगिक नहीं मानते। यह पूरी तरह से आपकी धार्मिक आस्था पर निर्भर करता है कि आप सूतक काल का पालन करना चाहते हैं या नहीं।  धार्मिक दृष्टिकोण से सूतक काल का पालन यदि आप धार्मिक रूप से चंद्र ग्रहण को मानते हैं, तो सूतक काल का पालन करना महत्वपूर्ण हो जाता है। इस दौरान पूजा-पाठ से बचना, भोजन न करना, और अन्य नियमों का पालन करना उचित माना जाता है।  आधुनिक दृष्टिकोण से सूतक काल का पालन वहीं, अगर आप इसे केवल एक खगोलीय घटना के रूप में देखते हैं, तो सूतक काल का पालन करना जरूरी नहीं है। यह व्यक्तिगत आस्था पर आधारित है और इसे पूरी तरह से वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखा जा सकता है।  चंद्र ग्रहण के दौरान क्या करें और क्या न करें चंद्र ग्रहण के दौरान कुछ खास बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है, खासकर अगर आप धार्मिक मान्यताओं का पालन करते हैं।  क्या करें चंद्र ग्रहण से पहले स्नान कर लें। ग्रहण समाप्त होने के बाद दोबारा स्नान करें। भगवान का स्मरण करें और मन शांत रखें। घर के मंदिर की सफाई कर लें।  क्या न करें ग्रहण के दौरान भोजन न करें। चंद्रमा की ओर न देखें। पूजा और धार्मिक अनुष्ठान से बचें। ग्रहण के दौरान सोने से बचें।  चंद्र ग्रहण का स्वास्थ्य पर प्रभाव वैज्ञानिक रूप से, चंद्र ग्रहण का कोई खास स्वास्थ्य पर प्रभाव नहीं होता है, लेकिन धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस समय नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ जाता है। इसलिए, लोग इस समय विशेष सावधानियां बरतते हैं।  गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष निर्देश गर्भवती महिलाओं को खास ध्यान रखना चाहिए। चंद्र ग्रहण के दौरान उन्हें घर के अंदर रहने की सलाह दी जाती है और शरीर पर कोई भी नुकीली वस्तु रखने से बचने की सलाह दी जाती है, ताकि शिशु को कोई हानि न पहुंचे।  चंद्र ग्रहण 2024 का खगोलीय महत्व खगोलीय दृष्टिकोण से चंद्र ग्रहण महत्वपूर्ण होता है क्योंकि यह पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा के बीच के संबंध को दर्शाता है। यह खगोल विज्ञान के छात्रों और उत्साही लोगों के लिए एक सुनहरा अवसर होता है चंद्रमा की संरचना और गति को समझने का। ब्लड मून: क्यों होता है यह खास? जब चंद्रमा पर पृथ्वी की छाया पड़ती है, तो वह लाल रंग का दिखाई देता है, जिसे 'ब्लड मून' कहा जाता है। यह खगोलीय घटना आमतौर पर कुछ मिनटों से लेकर घंटों तक चलती है और यह दुनिया भर में खगोल प्रेमियों के लिए एक खास दृश्य होता है।  निष्कर्ष चंद्र ग्रहण 2024 एक महत्वपूर्ण खगोलीय और धार्मिक घटना है, जो दुनिया भर में ध्यान आकर्षित कर रही है। भारत में इसका सूतक काल मान्य होगा या नहीं, यह पूरी तरह से आपकी आस्था और विश्वास पर निर्भर करता है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से यह एक रोमांचक घटना है, जबकि धार्मिक दृष्टिकोण से इसका पालन करने वाले इसके हर नियम का सख्ती से पालन करेंगे।


 चंद्र ग्रहण 2024 की तारीख

साल 2024 का आखिरी चंद्र ग्रहण 18 अक्टूबर 2024 को पड़ रहा है। यह भारत समेत दुनिया के कई हिस्सों में देखा जा सकेगा। यह ग्रहण पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा, जो रात के समय होगा।

चंद्र ग्रहण 2024 की सटीक टाइमिंग्स

भारतीय समयानुसार रात 7:30 बजे से चंद्र ग्रहण शुरू होगा और रात 11:45 बजे तक चलेगा। उस समय, चंद्रमा का रंग धीरे-धीरे तांबे जैसा हो जाएगा, या "ब्लड मून"।

सूतक काल: क्या यह मान्य होगा?

चंद्र ग्रहण के समय सूतक काल का मान्य होना एक विवादास्पद मुद्दा है। कुछ धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सूतक काल को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है, जबकि अन्य इसे लेकर उदासीन होते हैं।

चंद्र ग्रहण 2024 टाइमिंग्स: शुरू हो चुका है साल का आखिरी चंद्र ग्रहण, क्या भारत में इसका सूतक काल मान्य होगा?


 सूतक काल की अवधि

सूतक काल ग्रहण से 9 घंटे पहले शुरू होता है, इसलिए इस बार सूतक काल 18 अक्टूबर की सुबह 10:30 बजे से शुरू हो जाएगा। सूतक काल के दौरान पूजा, भोजन, और अन्य शुभ कार्यों से बचने की सलाह दी जाती है।

सूतक काल का धार्मिक महत्व

सूतक काल को अशुद्ध समय माना जाता है। इस दौरान भगवान की मूर्तियों को छूना, मंदिर जाना, या कोई भी धार्मिक क्रिया करना वर्जित माना जाता है। माना जाता है कि इस समय नकारात्मक ऊर्जा सक्रिय होती है, जिससे बचने के लिए सूतक काल के नियमों का पालन करना आवश्यक होता है।

क्या भारत में चंद्र ग्रहण 2024 का सूतक काल मान्य होगा?

भारत में सूतक काल को लेकर विभिन्न मत हैं। कुछ धार्मिक संगठनों का मानना है कि सूतक काल का पालन करना आवश्यक है, जबकि कुछ लोग इसे आधुनिक समय में प्रासंगिक नहीं मानते। यह पूरी तरह से आपकी धार्मिक आस्था पर निर्भर करता है कि आप सूतक काल का पालन करना चाहते हैं या नहीं।

 धार्मिक दृष्टिकोण से सूतक काल का पालन

यदि आप धार्मिक रूप से चंद्र ग्रहण को मानते हैं, तो सूतक काल का पालन करना महत्वपूर्ण हो जाता है। इस दौरान पूजा-पाठ से बचना, भोजन न करना, और अन्य नियमों का पालन करना उचित माना जाता है।

 आधुनिक दृष्टिकोण से सूतक काल का पालन

वहीं, अगर आप इसे केवल एक खगोलीय घटना के रूप में देखते हैं, तो सूतक काल का पालन करना जरूरी नहीं है। यह व्यक्तिगत आस्था पर आधारित है और इसे पूरी तरह से वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखा जा सकता है।

 चंद्र ग्रहण के दौरान क्या करें और क्या न करें

चंद्र ग्रहण के दौरान कुछ खास बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है, खासकर अगर आप धार्मिक मान्यताओं का पालन करते हैं।

 क्या करें

  • चंद्र ग्रहण से पहले स्नान कर लें।

  • ग्रहण समाप्त होने के बाद दोबारा स्नान करें।

  • भगवान का स्मरण करें और मन शांत रखें।

  • घर के मंदिर की सफाई कर लें।

 क्या न करें

  • ग्रहण के दौरान भोजन न करें।

  • चंद्रमा की ओर न देखें।

  • पूजा और धार्मिक अनुष्ठान से बचें।

  • ग्रहण के दौरान सोने से बचें।

 चंद्र ग्रहण का स्वास्थ्य पर प्रभाव

वैज्ञानिक रूप से, चंद्र ग्रहण का कोई खास स्वास्थ्य पर प्रभाव नहीं होता है, लेकिन धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस समय नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ जाता है। इसलिए, लोग इस समय विशेष सावधानियां बरतते हैं।

 गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष निर्देश

गर्भवती महिलाओं को खास ध्यान रखना चाहिए। चंद्र ग्रहण के दौरान उन्हें घर के अंदर रहने की सलाह दी जाती है और शरीर पर कोई भी नुकीली वस्तु रखने से बचने की सलाह दी जाती है, ताकि शिशु को कोई हानि न पहुंचे।

 चंद्र ग्रहण 2024 का खगोलीय महत्व

खगोलीय दृष्टिकोण से चंद्र ग्रहण महत्वपूर्ण होता है क्योंकि यह पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा के बीच के संबंध को दर्शाता है। यह खगोल विज्ञान के छात्रों और उत्साही लोगों के लिए एक सुनहरा अवसर होता है चंद्रमा की संरचना और गति को समझने का।

ब्लड मून: क्यों होता है यह खास?

जब चंद्रमा पर पृथ्वी की छाया पड़ती है, तो वह लाल रंग का दिखाई देता है, जिसे 'ब्लड मून' कहा जाता है। यह खगोलीय घटना आमतौर पर कुछ मिनटों से लेकर घंटों तक चलती है और यह दुनिया भर में खगोल प्रेमियों के लिए एक खास दृश्य होता है।

 निष्कर्ष

चंद्र ग्रहण 2024 एक महत्वपूर्ण खगोलीय और धार्मिक घटना है, जो दुनिया भर में ध्यान आकर्षित कर रही है। भारत में इसका सूतक काल मान्य होगा या नहीं, यह पूरी तरह से आपकी आस्था और विश्वास पर निर्भर करता है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से यह एक रोमांचक घटना है, जबकि धार्मिक दृष्टिकोण से इसका पालन करने वाले इसके हर नियम का सख्ती से पालन करेंगे।


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